तुमसे बिछड़ते हुए माँ!
तुम्हारी जुबाँ तो कहती है अलविदा
पर आंखे कहती हैं,
"करती रहूँगी इंतज़ार,
तेरे लौट आने तक...."
जाने क्यों
दरवाजे पर खड़े होकर
तुम्हारा अपलक देखना
मेरे ओझल हो जाने तक,
नम कर जाता है
मेरी भी पलकों को।
तुम्हारी जुबाँ तो कहती है अलविदा
पर आंखे कहती हैं,
"करती रहूँगी इंतज़ार,
तेरे लौट आने तक...."
जाने क्यों
दरवाजे पर खड़े होकर
तुम्हारा अपलक देखना
मेरे ओझल हो जाने तक,
नम कर जाता है
मेरी भी पलकों को।