शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

धैर्य

धैर्य रख, ये रात बीत जाने दे।
मुस्कुरा ले और सुबह को आने दे।
ज़िन्दगी में ख़ुशी है बिखरी पड़ी,
धूप को बस कोहरे हटाने दे।।

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