गुरुवार, 5 जनवरी 2017

क्या लिया संकल्प तुमने

आ गया नववर्ष साथी।
जल चुके हैं दीप-बाती।
किन्तु इस स्वर्णिम सुबह पर,
क्या लिया संकल्प तुमने?

वक्त यूँ ना बीत जाये।
जागृति जीवन में आये।
वर्ष के शुभ आगमन पर,
क्या लिया संकल्प तुमने?

आज पुलकित सी पवन है,
और हर्षित ये गगन है।
नव जलद, नव रश्मियों पर,
क्या लिया संकल्प तुमने?

प्रारब्ध पर निर्भर ना होना।
कर्म का अवसर ना खोना।
प्रगति की नव-वीथिका पर,
क्या लिया संकल्प तुमने?

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