बुधवार, 25 जनवरी 2017

गजल

आते-जाते रहगुजरों पर मिले बहुत से लोग मगर,
दिल में अब तक बसें हैं कितने,ये जानना जरूरी है।

तकतीं रहीं अम्बर को आँखे, बादल आकर चले गए।
सावन क्यों अब तक सूना है ये जानना जरूरी है।।

दूर से तो चाँद सभी को, महबूब सरीखा दिखता है,
लेकिन उसपर दाग हैं कितने ये जानना जरूरी है।

बेटी ने हर चौखट पर तो फर्ज निभाएं हैं अबतक,
हक में उसके क्या आया है ये जानना जरूरी है।

मौत हमारे दरवाजे पर दस्तक दे क्यों लौट गई?
दुआ में किसकी असर था इतना ये जानना जरूरी है।

वतन के लिए कुर्बां हो गए, उन जांबांजो के बच्चे
हमदर्दी में कहाँ गुम हुए ये जानना जरूरी है।

नजर उठाकर लाजवाब कर देने का दम रखकर भी,
क्योंकर "कृति" खामोश हो गई ये जानना जरूरी है।

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